इस ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

रविवार, 29 अप्रैल 2018

इनाम

अपनी मेहनत के लिए फिर वही इनाम मिला, काम के बदले मुझे फिर ज़रूरी काम मिला।
जिन्दगी हो गई दिल्ली की सड़क के जैसी, बस अभी जाम से निकले थे फिर से जाम मिला ।।
                         📝-गिरीश सिंह

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें